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Kalam Ko Salam

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डॉ.ए.पी.ज. अबदल कलाम जसी विभतिया पथवी पर सदियो म कभी-कभी ही जनम लती ह और अपन विलकषण कारयो एव वयवहार स पर विशव को परभावित कर जाती ह। डॉ. कलाम एक करमयोगी व तपसवी थ। उनह परकति व मानवीयता स परम था। विनमरता, कठोर परिशरम एव सादगी उनकी पहचान थी। डॉ. कलाम धन या कल स नही, बलकि अपन दिवय सवभाव और अनकरणीय आचरण स महान बन थ।डॉ. कलाम एक विकसित भारत की कल्पना करते थे। उनका स्वप्न था कि विश्वपटल पर भारत की विशिष्ट पहचान बने और उसकी सुसंपन्नता और समर्थता औरों के लिए उदाहरण बने। वे युवा-शक्ति पर विश्वास रखते थे। इसलिए उन्होंने सदैव उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करने के प्रयास किए।इस पुस्तक में उनके प्रेरक जीवन को कहानियों में समेटने का प्रयास किया गया है, ताकि बच्चे, युवा एवं अन्य सभी पाठक उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रकार्य के लिए समर्पित हों।

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Product Details
Prabhat Prakashan
9351869555 / 9789351869559
Book
12/08/2016
India
208 pages