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Apane Chanakya Swayam Banen

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चाणकय न अपन पिता की हतया क बाद बचपन स ही जीवन का उददशय बना लिया था मगध को एक नक, सशील, ईमानदारी और परतापी राजा परदान करना। अपन इस सकलप को परण करन क लिए उनहोन दिन-रात एक कर दिया। उनहोन सदाचारी और पराकरमी यवराज खोजन क लिए एडी-चोटी का जोर लगा दिया और चदरगपत को ढढ निकाला। चदरगपत का परा वयकतितव चाणकय क दवारा ही गढा गया था। उनहोन अपन अनक शिषयो को जीवन क पाठ पढाए। व यही तक नही रक अपित अपन जञान को 'अरथशासतर' पसतक म समट दिया। अरथशासतर का गरथ आज अनक रपो म समाज क पास उपलबध ह; बस आवशयकता ह तो उस गरथ को गहनता स पढन की, समझन की और जानन की। चाणक्य ने अपने बुद्धि-कौशल से हर तरह की बाधा से पार पाने के उपाय निकाले हुए थे, जो आज भी उपयोगी हैं। सफलता पाने के लिए यथेष्ट है कि व्यक्ति चाणक्य के व्यक्तित्व को पढ़ें, समझें, जानें और फिर खुद को पहचानें। ऐसा करके प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन को एक नए बिंदु पर ले जा सकता है। वह नया बिंदु संतुष्टि, सुख, खुशी, स्वास्थ्य, समृद्धि सबकुछ प्रदान करता है।यह पुस्तक आचार्य चाणक्य के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने को उनके अनुरूप ढालकर सफलता के शिखर छूने का एक प्रबल माध्यम है।

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Product Details
Prabhat Prakashan
9353227615 / 9789353227616
Paperback / softback
01/12/2020
India
184 pages