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ShreeKrishna Leela ????????? ???? (Hindi Edition)

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भगवान शरीकषण अपन जीवन काल म अनगणित अधरमियो का नाश कर नयाय नीति की सथापना की थी। वह बड परोपकारी और निरलोभी थ। राजबशी होन पर भी साधारण बचचो की तरह उनकी शिकषा दीकषा हई थी। वह यदवशी यद राजा ययाति क पतर थ। शरीकषण एक विसतत राजय क अधीशवर थ। उनकी राजधानी दवारिका म थी। कौसतभ मणि उनका आभषण था। नदक नामक खडग, कौमोदिक नामक गदा और सदरशन नामक चकर उनक आयध थ। उनक शख का नाम पाचजनय था। यदधकला म वह बड ही निपण थ। उनकी जोड का एक भी मनषय उस यग म नही पाया जाता। शरीकषण का हदय परम स परिपरण रहता था। वह जिस परकार शासन और ऐशवरय भोग करना जानत थ, उसी परकार योग का रहसय भी समझत थ। गीताशासतर दखन स उनकी विदवता का पता चलता ह। उनहोन अरजन को परवतति म ही निवतति का मारग दिखा दिया था। हम शरीकषण को आदरश मान उनकी जीवनचरया स शिकषा गरहण करनी चाहिए।

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Product Details
Blurb
1715344405 / 9781715344405
Paperback / softback
26/03/2024
52 pages
127 x 203 mm, 59 grams