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Loktantra Ki Maya

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मडल, कमडल और भमडलीकरण न पिछल ढाई-तीन दशको म मलक की राजनीति और समाज म तज बदलाव किए ह। य बदलाव धनातमक ह और ऋणातमक भी। इनस शायद ही कोई अछता बचा हो। राजनीति म पिछडो का निरणयातमक बढत लना, दलितो और आदिवासियो का दमदार ढग स उभरना, महिला शकति का अपनी उपसथिति दरज कराना, हिदी का बिना सरकारी समरथन क उभरना, कषतरीय राजनीति का सतता क विमरश म परभावी होना जसी अनक परवततिया अगर हमार लोकततर की ताकत को बढाती ह तो जाति, सपरदाय, वयकतिवाद, परिवारवाद और राजनीति म धन तथा बाहबल का जोर बढना काफी नकसान पहचा रहा ह। इस दौर की राजनीति और समाज पर पैनी नजर रखनेवाले एक पत्रकार के आलेखों से बनी यह पुस्तक इन्हीं प्रवृत्तियों को समझने-समझाने के साथ इस बात को रेखांकित करती है कि इन सबमें जीत लोकतंत्र की हुई है और उसमें बाकी बुराइयों को स्वयं दूर करने की क्षमता भी है। अगर देश के सबसे कमजोर और पिछड़ी जमातों की आस्था लोकतंत्र में बढ़ी है तो यह सरकार बदलने से लेकर बाकी कमजोरियों को दूर करने के लिए आवश्यक ताकत और ऊर्जा भी जुटा लेगी।

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Product Details
Prabhat Prakashan
9386231999 / 9789386231994
Book
20/04/2017
India
216 pages
Children / Juvenile Learn More